Happy Harela

 सात अनाजों से तैयार हुआ हरेला, एकता के साथ हरियाली का देता है संदेश - प्राकृतिक संपदा को बचाने और उनके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हमारे त्योहार भी अपनी भूमिका निभाते हैं। पर्वतीय समाज के हरेला पर्व में भी कुछ ऐसा ही होता है।  पहले दिन घरों में आयोजन होगा आपसी एकता और भाईचारे का संदेश देता यह पर्व पर्वतीय समाज का खास पर्व है।   हरेला पर्व पर्वतीय समाज का पारंपरिक त्योहार है।  कि आयोजन के 10 दिन पहले से ही सात प्रकार के अनाज को बोया जाता है जिसे काटकर सिर पर रखकर पूजा की जाती है। 16 को होने वाले इस आयोजन के दौरान भाइयों को तिलक लगाया जाएगा और खीर, पूड़ी, पुआ और सिंघल जैसे पारंपिरक पकवान बनाए जाएंगे। 16 को हरेला काटने के बाद गृह स्वामी द्वारा इसे तिलक, चंदन, अक्षत से अभिमंत्रित किया जाता है। जिसे हरेला पतीसना कहा जाता है। इसके बाद इसे देवताओं को अर्पित किया जाता है। घर की बुजुर्ग महिला सभी को हरेला लगाती हैं। हरेला लगाने का तरीका यह है कि हरेला सबसे पहले पैरों, घुटने, कंधे और आखिर में सिर पर रखा जाता है।




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